
शारीरिक दर्द को हर किसी के जीवन का हिस्सा कहा जा सकता है। दर्द चोट लगना, एक्सरसाइज किसी भी वजह से हो सकता है। दर्द कई कंडीशन का लक्षण होता है। जब भी शरीर के किसी अंग के ऊतक या नसों में सूजन का इंफेक्शन हो जाता है तो दर्द हो सकता है। सूजन और इंफेक्शन की वजह से ब्लड फ्लो बाधित होने लगता है। कुछ तरह के दर्द के लिए आपको दवाईयों की जरुरत होती है। शरीर के कुछ अंगों में दर्द ज्यादा तेज नहीं होता है मगर उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो आइअए आपको इसी तरह के दर्द के बारे में बताते हैं जिन्हें भूलकर भी अनदेखा ना करें। [ये भी पढ़ें: विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थ और उनके स्वास्थ्य लाभ]
सिरदर्द: सिरदर्द हर किसी व्यक्ति को कभी ना कभी होता ही है। सिरदर्द तनाव से लेकर किसी गंभीर बीमारी तक का कारण हो सकता है इसलिए सिरदर्द को तब तक नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जब तक आप इसका टेस्ट करवाकर कारण ना जान लें। सिर में बहुत तेज दर्द ब्रेन ट्यूमर से लेकर हार्ट की समस्या का संकेत हो सकता है।
पेट में दर्द: अगर आप गैस या एसिडिटी में से किसी समस्या से परेशान हैं तो इसकी वजह से पेट में दर्द होना सामान्य है। अगर आपके पेट के दायीं तरफ दर्द होता है तो यह एपेंडिसाइटिस के संकेत हो सकते हैं। जिसका जल्द से जल्द टेस्ट कराना जरुरी होता है। एपेंडिक्स आपके लिए जानलेवा हो सकता है। [ये भी पढ़ें: खाद्य पदार्थ जो पकने के बाद हानिकारक हो सकते हैं]
कंधे में दर्द: अगर बैग उठाने या कोई भारी सामान उठाने से आपके कंधे में दर्द होता है तो आपको कफ मसल्स में खिंचाव या चोट लगी हो सकती है। यह तब होता है जब शोल्डर-ब्लेड कफ मसल्स पर दबाव डालते हैं। अर्थराइटिस की वजह से भी कंधे में दर्द हो सकता है। अगर आपको कंधों में सूजन महसूस होती है तो यह किसी गंभीर चोट के संकेत हो सकते हैं।
कमर दर्द: उम्र के साथ लोगों को कमर में दर्द की समस्या हो जाती है। कमर की मांसपेशियां शरीर के ऊपरी और निचले भाग को सपोर्ट करती हैं। जिसकी वजह से इन पर खिंचाव रहता है। अगर आपको लगातार कमर में दर्द और पैरों में सनसनाहट महसूस होती है तो यह डिस्क के क्षतिग्रस्त होने के संकेत हो सकते हैं।
पैरों में दर्द: अगर आपका काम ज्यादा चलने का है तो पैरों में दर्द होना सामान्य है लेकिन अगर आपके ज्यादा चलने का काम नहीं है फिर भी पैरों में दर्द और सुन्न महसूस होता है तो यह डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं। पैरों के दर्द को नजरअंदाज करके आप इलाज में देर करते हैं। [ये भी पढ़ें: 20 की उम्र में किन अस्वस्थ आदतों को छोड़ देना चाहिए]