जांघों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और कमर दर्द को दूर करने के लिए शशांकासन बहुत ही फायदेमंद होता है। शशांकासन को बालासन भी कहा जाता है। संस्कृत में बाल का अर्थ बच्चा और आसन का अर्थ मुद्रा होता है। शशांकासन की मुद्रा में बैठते हैं तो ऐसा लगता है कि आप एक भ्रूण की मुद्रा में बैठे हैं। जो लोग रोजाना लंबे समय तक खड़े होकर काम करते हैं उन्हें पैर की मांसपेशियों से तनाव दूर करने के लिए शशांकासन रोजाना करना चाहिए। इसके साथ ही यह मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रुप से शांत रहने में मदद करता है। तो आइए आपको शशांकासन करने की विधि और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताते हैं। [ये भी पढ़ें: वज्रासन करने की विधि और इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ]
शशांकासन करने की विधि:
- शशांकासन भोजन करने के 5-6 घंटे बाद करना चाहिए।
- इसे करने के लिए घुटने मोड़कर बैठ जाएं।
- आपकी रीढ़ की हड्डी और जांघ सीधे होने चाहिए।
- अब सांस लें और उसी मुद्रा में अपने शरीर को स्ट्रेच करें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ जाएं और जितना हो सके अपने हाथों को स्ट्रेच करें।
- जब इस मुद्रा में लेट जाएं तो अपने माथे को फर्श से टच कराएं।
- अब इस मुद्रा 2 मिनट तक रहें और सामान्यत: सांस लें।
शशांकासन करने से होने वाले फायदे:
- तनाव और चिंता को दूर करने के लिए शशांकासन काफी फायदेमंद होता है।
- जिन लोगों को दिन के समय नींद आती है उन्हें शशांकासन करना चाहिए इससे मूड फ्रेश हो जाता है।
- कमर और जांघों को स्ट्रेच करके तनाव कम करने में मदद करता है।
- इन सब चीजों के साथ यह शरीर में बल्ड सर्कुलेशन को नियमित करने में मदद करता है। [ये भी पढ़ें: ताड़ासन करने की विधि और इसके स्वास्थ्य लाभ]
शशांकासन करते समय बरते यें सावधानियां:
- अगर किसी के घुटनों में चोट लगी है तो शशांकासन करते समय थोड़े बहुत बदलाव किए जा सकते हैं।
- अगर आपको घुटने मोड़ने में समस्या हो रही है तो आप घुटनों को थोड़ा सा चौड़ा सकते हैं। उसके बाद सांस लें और हाथों को फैलाएं।
- आप कंधो को नीचे कर सकते हैं और शशांकासन करने समय ध्यान रखें कि आपकी चिन या फोरहैड फर्श से टच हो। [ये भी पढ़ें: जानिए कैसे करें त्रिकोणासन और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ]