लंबे समय से लोग स्पॉट रिडक्शन से जुड़े मिथक को सच मानते हैं। स्पॉट रिडक्शन का मतलब शरीर के किसी एक भाग का फैट कम करना होता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है। मार्केट में कई ऐसे प्रोडक्ट मिलते हैं जो कहते हैं कि उनसे शरीर के किसी अंग से फैट कम किया जा सकता है। यह सब गलत होता है। तो आइए आपको स्पॉट रिडक्शन से जुड़े मिथक के बारे में बताते हैं जिसे लोग अक्सर सच मान लेते हैं। [ये भी पढ़ें: वजन कम करने के लिए सिर्फ 3 मिनट में बर्पी वर्कआउट करें]
स्पॉट रिडक्शन एक मिथक है: शरीर के किसी एक अंग से फैट हटाना संभंव नहीं है। जब भी वर्कआउट करते हैं तो वह शरीर की ज्यादातर मांसपेशियों पर काम करता है। वर्कआउट करने का मतलब शरीर की सारी मांसपेशियों का उसमें भाग लेना होता है। इसलिए शरीर के एक अंग से फैट कम करना संभंव नहीं है। स्पॉट रिडक्शन का मतलब किसी अंग की सारी मांसपेशियों पर काम करना होता है जो फैट के कारण बढ़ गई होती है।
उदाहरण: कई महिलाएं अपने शरीर का निचले हिस्से का फैट बर्न करना चाहती हैं तो उनके जिम ट्रेनर क्रंचेज करने की सलाह देते हैं। क्रंचेज में एब्स पर तनाव डालकर शरीर को टोन किया जाता है। इससे आप नोटिस करेंगे कि आपके एब्स काफी अच्छी तरह से बने हैं लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आपके शरीर के बाकि अंग पहले जैसे ही होंगे। जब आप एब्स पर काम कर रहे होते हैं तो आपके पूरे शरीर में ऊर्जा रहती है। हेल्थ एक्सपर्ट इस तरह के मिथक के बारे में बताते रहते हैं। [ये भी पढ़ें: खाद्य पदार्थ जिनकी वजह से वजन बढ़ता है]
कभी भी उस तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें जो दावा करते हो कि वह आपके शरीर के एक हिस्से से फैट कम कर सकते हैं। ऐसा करना संभंव नहीं हैं वह सिर्फ अपनी पब्लिसिटी के लिए ऐसा करते हैं। [ये भी पढ़ें: अपने कार्डियो वर्कआउट को बेहतर कैसे बनाएं]