
यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान करा रहे हैं तो आपको बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। अपने डाइट से लेकर अपनी जीवनशैली तक सब कुछ स्वस्थ और स्वच्छ होना चाहिए ताकि आपके बच्चे के लिए कोई भी बाधा नहीं आ पाए। आपको हमेशा यह ध्यान रखना होगा कि आप कैसे हर दिन अपने स्तन का दूध बढ़ा सकते हैं। आपको ऐसी चीजें नहीं करनी चाहिए जो आपके स्तन के दूध को कम करती हैं या आपको बीमार बनाती हैं। वरना ये आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता हैं। नवजात बच्चा केवल आपके स्तनपान के माध्यम से पोषण प्राप्त करता है तो इसलिए आपको अच्छी और स्वस्थ जीवनशैली की बेहद आवश्यकता है। तो आइए उन चीजों पर नजर डालें जो आपको ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्या नहीं करना चाहिए। [ये भी पढ़ें: संकेत जो बताते हैं गर्भ में आपके बच्चे का विकास रूक गया है]
एल्कोहल:
एल्कोहल आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम के लिए डिप्रेशेंट की तरह काम करता है। यह ऑक्सीटोसिन के रिलीज को भी ब्लॉक करता है। अगर स्तनपान करवाने वाली महिलाएं रोजाना एल्कोहल का सेवन करती हैं तो बच्चे को मिलने वाला दूध भी एसिडिक होता है और साथ ही उनमें पोषक तत्वों की मात्रा भी कम होती है जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
सेज, पिपरमिंट और मेन्थॉल के सेवन से बचें:
आप जानते हैं कि कई जड़ी-बूटियां हैं जो स्वाभाविक रूप से लैक्टोजेनिक होते हैं। ये आपको स्तनपान के उत्पादन में मदद करेंगे। लेकिन सभी जड़ी बूटी लैक्टोजेनिक नहीं होते हैं और आपको जाहिर तौर पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। सेज, पार्सले, पिपरमिंट और मेन्थॉल आपके दूध के उत्पादन को कम करता है। [ये भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान वर्कआउट करते समय क्या चीजें ध्यान में रखनी चाहिए]
चेस्टबेरी के सेवन से बचें:
चेस्टबेरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग पीएमएस, एंडोमेट्रियोसिस और मेनोपॉज से संबंधित लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चेस्टबेरी स्तनपान के दूध के उत्पादन करने में भी मदद करता है। यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के प्रोलैक्टिन के स्तर को कम करता है और यह दूध की आपूर्ति को सामान्य रूप से भी ट्रिगर करता है। इसलिए स्तनपान स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए, वरना उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके बच्चे के स्वास्थ्य को भी नुकसान हो जाएगा। [ये भी पढ़ें: डिलीवरी के बाद क्या सावधानी बरतें]