
मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक, 20वें सप्ताह से पहले भ्रूण के अचानक गिर जाने को गर्भपात कहा जाता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि गर्भपात दुर्लभ मामलों में ही होते हैं, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि सभी गर्भधारण के मामलों में से लगभग 10 से 20 प्रतिशत मामलों में गर्भपात हो जाता है। असामान्यताओं की वजह से अचानक भ्रूण की मृत्यु होना गर्भपात के मुख्य कारणों में से एक है। व्यायाम या संभोग के कारण कभी भी गर्भपात नहीं होता है। गर्भपात कई ज्ञात और अज्ञात कारणों से हो सकता है। आपको जानना चाहिए कि गर्भपात के मुख्य कारण क्या हैं। [ये भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान क्यों होता है सर्दी-जुकाम और इससे कैसे बचें]
क्रोमोजोमल एबनोर्मलेटीज: लगभग 60 प्रतिशत गर्भपात बेमेल क्रोमोसोम के कारण होते हैं। हर मानव कोशिका में मौजूद छोटी संरचनाओं को क्रोमोसोम कहते हैं। ये संरचनाएं जीन्स को लाने से ले जाने तक का काम करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। मानव शरीर में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। एक माता और दूसरा पिता से लेकर एक समूह बनता है। गर्भावस्था के कुछ मामलों में जब अंडा और शुक्राणु मिलते हैं तो इन गुणसूत्रों में से किसी एक में त्रुटि आने के कारण भ्रूण में एक गुणसूत्र का मेल असामान्य हो जाता है जिससे गर्भपात होता है। किसी दंपत्ति के साथ बार-बार गर्भपात की समस्या होने के पीछे का कारण गुणसूत्र संबंधी असामान्यता होती हैं।
यूटेरिन एबनोर्मलेटीज और असमर्थ सर्विक्स: जब आपके गर्भाशय का आकार और गर्भाशय का विभाजन असामान्य होता है तो इस कारण भी गर्भपात हो सकता है क्योंकि इसके चलते भ्रूण गर्भाशय की परत पर इम्प्लान्टेशन नहीं कर पाता है। यूटेरिन एबनोर्मलेटीज के कारण लगभग 10 प्रतिशत गर्भपात होते हैं। साथ ही असमर्थ और कमजोर सर्विक्स भी गर्भपात का कारण बन सकता है। जब आपकी प्रेग्नेंसी पहली तिमाही के अंत में होती है तो भ्रूण का आकार 6 इंच हो जाता है। इस दौरान असमर्थ सर्विक्स भ्रूण को अंदर रोक नहीं पाता और इस कारण गर्भपात हो जाता है। इस समस्या को सर्जिकल तरीके से सही किया जा सकता है। [ये भी पढ़ें: गर्भवती महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं है हील पहनना]
इम्यूनोलॉजिक डिसऑर्डर: इम्यूनोलॉजिक डिसऑर्डर की वजह से कभी-कभी भ्रूण गर्भाशय में इम्प्लान्ट नहीं हो पाता है और इसके कारण गर्भवती महिला गर्भपात का अनुभव करती है।
पहले से चली आ रही बीमारी का उपचार ना होने के कारण: पहले से चली आ रही बीमारियां जैसे अनियंत्रित मधुमेह या थायरॉइड(हाइपर और हाइपो-थायरायडिज्म दोनों) की समस्या गर्भाशय के वातावरण को गर्भावस्था के प्रतिकूल बना देती है। भ्रूण इस वातावरण में जीवित नहीं रह पाता और परिणामस्वरुप गर्भपात हो जाता है।
धूम्रपान, शराब, ड्रग्स आदि का सेवन: तंबाकू में मौजूद निकोटीन आसानी से नाल तक पहुंच जाते हैं और भ्रूण के विकास के लिए पहुंचने वाले रक्त को बाधित करते हैं। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भपात की संभावनाएं और इसका जोखिम अधिक होते हैं। मादक पेय पदार्थों का सेवन करने से अचानक गर्भपात हो सकता है।
गर्भपात के अन्य कारण:
- मेटरनल ट्रॉमा
- हार्मोनल समस्याएं
- मां की स्वास्थ्य समस्याएं
- कुपोषण
- कैफीन युक्त उत्पादों का अत्यधिक सेवन
- मां की उम्र जैसे 35 साल की उम्र में गर्भपात होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। [ये भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के पहले महीने में मां के शरीर में होते हैं ये बदलाव]