
प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव आते हैं। क्योंकि महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग करानी होती है इसलिए उन्हें अपने खान-पान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि वो जो भी खाती हैं उसका प्रभाव बच्चे पर भी पड़ता है। इसलिए बच्चे के होने के बाद महिलाओं को बहुत से खाद्य पदार्थ से परहेज करनी चाहिए, ताकि बच्चा स्वस्थ रह सकें। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए बहुत से खाद्य पदार्थ सुरक्षित नहीं होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग वाली मां ध्यान रखें कि वो जो भी खाती हैं वो ब्रेस्ट मिल्क के जरिए बच्चे के शरीर में जाता है। तो आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को किन चीजों को खाने से बचना चाहिए। [ये भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान संतरे के जूस के स्वास्थ्य लाभ]
मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन बच्चे के शरीर में आसानी से पहुंच जाता है और उसके पाचन तंत्र और ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है। यह बच्चे के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट के लिए परेशानी बन सकता है और उसके पेट में कई समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए डिलीवरी के छह महीने के बाद तक मसालेदार खाना से परहेज करना चाहिए।
तैलीय भोजन: तैलीय खाद्य पदार्थ का सेवन करने से शरीर में वसा इकट्ठा हो जाता हैं, जिससे आपके शरीर का आकार बिगड़ जाता है। इसलिए मिठाई, मक्खन या अन्य फैटी फूड्स के सेवन से बचने की कोशिश करें। इसके बजाय अखरोट, सोयाबीन, सन बीज(ओमेगा -3 फैटी एसिड), बीज(ओमेगा -6 फैटी एसिड), जैतून, मूंगफली और कैनोला तेल (मोनोसट्रेटेड वसा) जैसे स्वस्थ वसा वाले भोजन का सेवन करें। [ये भी पढ़ें: गर्भावस्था में साबूदाना का सेवन है फायदेमंद, जानें कैसे]
गैस उत्पादक खाद्य पदार्थ: उन खाद्य पदार्थों से परहेज करें जो गैस, डकार और एसिडिटी का पैदा करते हैं क्योंकि वे आपके बच्चे के शरीर को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा पनीर, सेम, आइसक्रीम और कार्बोनेटेड पेय से बचें।
एलर्जी से होने वाले खाद्य पदार्थों से बचें: ब्रेस्ट मिल्क के जरिए आने वाले एलर्जी नवजात शिशु के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी के बाद उन चीजों को खाने से परहेज करें जिनसे आपको एलर्जी हो। डॉक्टर द्वारा बताएं गए भोजन का सेवन करने की कोशिश करें। [ये भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान कौन से फ्रूट जूस का सेवन करना होता है फायदेमंद]