
बच्चे के शुरुआती समय में उसकी इंद्रियों के बारे में समझना मुश्किल होता है। क्योंकि बच्चे के कुछ बोल या समझ ना पाने के कारण आपको कुछ समझ नहीं आता है। विकास की शुरुआती स्टेज में वह आपको कोई जवाब नहीं दे पाता है। वह इस समय चीजें सीख रहे होते हैं जिनका बाद में फायदा होता है। तो आइए आपको ऐसी एक्टिविटी के बारे में बताते हैं जो आपके नवजात शिशु के दिमाग के विकास में मदद करती है। [ये भी पढ़ें: अगर शिशु है घमौरी से परेशान तो ये उपाय आएंगे आपके काम]
1-अपने बच्चे की मसाज करें:
अपने बच्चे की आराम से मालिश करें। कुछ तकनीक होती है जो बच्चे की मांसपेशियों और दिमाग को आराम पहुंचाती हैं, साथ ही वातावरण में होने वाले बदलावों का रिस्पांड करने में मदद करता है। अगर आपको इन तकनीकों के बारे में पता नहीं है तो आप किसी से ट्रेनिंग ले सकती हैं।
2-बच्चों से बात करें:
जितना हो सके अपने बच्चे से बात करें। जैसे- जब आप जब बच्चे के डायपर बदल रही हो, उन्हें फीड करा रही हों। अपने बच्चे को बताएं की आप क्या कर रही हैं। इस तरह से बात करने से आपके बच्चे को अच्छी तरह से बात करने की आदत होती है। [ये भी पढ़ें: गर्मियों में अपने शिशु की देखभाल करने के लिए अपनाएं ये टिप्स]
3-बच्चे के लिए पढ़ें:
साधारण सी फोटो वाली किताबें बच्चों के सामने पढ़ें। इन किताबों में कई चित्र और कई सारे किरदार हो। इस तरह से किताब पढ़कर सुनाने से गाने सुनने की तरह दिमाग उत्तेजित होता है।
4-बच्चे को हिलाएं:
अपने बच्चे को पूरे दिन एक ही जगह पर लेटे ना रहने दें। उसे एक जगह से दूसरी जगह बिठाएं या लेटाएं। बच्चे के वातावरण में और स्थिति में बदलाव आने से बच्चे का दिमाग का प्रभावित होता है और विचारों को बढ़ाता है।
5-बच्चे को बाहर ले जाएं:
अपने बच्चे को रोज ताजी हवा में बाहर ले जाएं। बच्चे को जानवर, कार जैसी चीजे दिखाएं। ताजी हवा बच्चे के दिमाग के लिए अच्छी होती है और दिमाग का विकास करने में मदद करती है।
6-बच्चे को चीजे छूने दें:
पूरे दिन अपने बच्चे को कुछ ना कुछ चीजे छूने और महसूस करने दें। मगर इस बात का ध्यान रखें कि यह चीजें सुरक्षित हो और बच्चा इन चीजों को मुंह में ना डाले। इससे वह अपने हाथों और अंगो का उपयोग करना सीखते हैं।
7-बच्चे के कुछ इंच ऊपर खिलौने लटकाएं:
जब आपका बच्चा पीठ के बल लेटा हो तो उसके कुछ इंच ऊपर खिलौने लटका दें। इससे वह अपनी आंखे फोकस करना सीखता है और उन तक पहुंचने की कोशिश करता है। [ये भी पढ़ें- शिशु के दूध की बोलत इस्तेमाल करने की आदत को कैसे छुड़ाएं]