
गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा रखना जरुरी होता है इसलिए तरबूज, आम, खीरा जैसे फल और सब्जियों का सेवन करने पर जोर दिया जाता है लेकिन गर्मियों के मौसम में आप सूप का मजा भी ले सकते हैं। जी हां, सूप सिर्फ सर्दियों में ही नहीं बल्कि गर्मियों में भी पिया जा सकता है। डिटॉक्स सूप गर्मी में शरीर को ठंडक तो देते ही हैं साथ ही शरीर को फ्रेश और टॉक्सिन्स रहित भी रखते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कुछ स्वास्थ्यवर्धक सूप के बारे में जो शरीर को ठंडा तो रखते ही है साथ ही शरीर को डिटॉक्स भी करते हैं। [ये भी पढें: गर्मियों से राहत दिलाने के लिए मॉकटेल ड्रिंक्स]
1.ग्रीन डिटॉक्स सूप: पालक, खीरा, ककड़ी आदि खाद्य पदार्थ एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर तो होते ही है साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मददगार होते हैं। इन हरी सब्जियों को पीसकर इनका सूप तैयार करें । गर्मियों में यह डिटॉक्स सूप शरीर के लिए लाभकारी होता है।
2. टमाटर-स्ट्रॉबरी सूप: गर्मागर्म टमाटर सूप का मजा आप अक्सर सर्दियों में लेते हैं। लेकिन टमाटर के साथ स्ट्रॉबरी को मिलाकर आप गर्मियों के लिए डिटॉक्स सूप बना सकते हैं। 1 पैकेट स्ट्रॉबरी और 2 टमाटर लेकर मिक्सर में ग्राइंड करके सूप बनाएं इसका सेवन करें। यह सूप एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए लाभकारी होता है। [ये भी पढें: वर्कआउट के दौरान कौन से पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए]
3.कीवी-आम सूप: कीवी और आम का सूप स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर को डिटॉक्स करने के लिए बहुत लाभकारी भी होता है। यह सूप विटामिन सी, के, प्रोटीन, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, गुड फैट्स और फाइबर से भरपूर होता है। इसे आप पीनट बटर या ग्रीक योगर्ट मिलाकर भी पी सकते हैं।
4. तरबूज और पुदीने का सूप: तरबूज शरीर को हाइड्रेट और तरोताजा रखने के लिए अत्यधिक उपयोगी होता है। पुदीने में मिन्थॉल होता है जो शरीर को ठंडक देता है। इसलिए गर्मियों में शरीर को ठंडा, हाइड्रेट और स्वस्थ रखने के लिए यह सूप अत्यधिक लाभकारी होते हैं।
5.बीटरुट सूप: बीटरुट में प्रोटीन, फास्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी6, कॉपर, विटामिन ए, सी, कैल्शियम, आयरन आदि होते हैं। यह सूप अत्यधिक पोषक तत्वों का खजाना होता है। बीटरुट के साथ खीरा डालकर आप यह सूप बना सकते हैं। गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने और डिटॉक्स करने के लिए यह सूप लाभकारी होता है। [ये भी पढें: गन्ने का रस पीने के हानिकारक दुष्प्रभाव]