आज के दौर में हम पूरी दुनिया से तो जुड़ गए हैं पर खुद से जुड़ाव खत्म सा हो गया है। इंसान का खुद से जुड़ा होना बेहद जरुरी है जो मानसिक स्वास्थ्य और शांति के लिए बहुत जरुरी होता है।
अध्यात्म
बिना धार्मिक हुए भी आप हो सकते है अध्यात्म के करीब
धर्म का अध्यात्म से सम्बन्ध होता है लेकिन इसका तात्पर्य ये नहीं है कि अध्यात्म के करीब आने के लिए हमें धार्मिक होना पड़ें। हम धार्मिक हुए बिना भी अध्यात्म के करीब हो सकते हैं।
इन बातों का पालन करने से घटेगी अध्यात्म और आपके बीच की दूरी
अध्यात्म आत्मा को चेतन से जोड़ने वाला एक मार्ग है जिसकी प्राप्ति सभी को नहीं होती। आध्यात्मिक होने के लिए वर्षों की साधना लग सकती है। हालांकि हम अपनी आम जिंदगी जीते हुए भी अध्यात्म के करीब हो सकते हैं। जानिये ऐसा कैसे संभव है?
इन तरीकों से विकसित करें अपना सिक्स्थ सेन्स
मनुष्य के पास पांच ज्ञानेन्द्रियां के अलावा भी एक छठी इंद्री होती है जो सबमे विकसित नहीं होती है। ये छठी इंद्री हमें चीजों के होने से पहले का आभास कराती है। सिक्स्थ सेन्स बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि आप अपने आस-पास की चीजों को देखें उन्हें महसूस करें।
केवल अध्यात्मिकता से जुड़ें लोगों में ही होते हैं ये असामान्य गुण
जो लोग आध्यात्मिकता से जुड़े होते हैं उन लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में कुछ अलग की क्षमताएं और गुण होते हैं, जिनसे उन्हें किसी भी चीज के होने का पूर्वभास होता है।
जानें कुण्डलिनी चक्र कैसे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं
चक्र को सिर्फ आध्यात्मिकता के साथ ही जोड़ा जाता है, लेकिन इनका प्रभाव हमारे शरीरिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। इसमें किसी एक चक्र में समस्या होने पर भी यह हमारे शरीर को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
अध्यात्म का सहारा लेकर चढ़ें सफलता की सीढ़ियां
सफलता के लिए व्यक्ति में एकाग्रता, दृढ़ता और अपनी क्षमताओं के बारे में बेहतर जानना महत्वपूर्ण होता है।अध्यात्म के कुछ ऐसे तरीके है जिनके प्रयोग से आप खुद को मानसिक रूप से दृढ़ बना सकते हैं।
नमस्ते कहने से होता है सकारात्मक उर्जा का संचार
नमस्ते शब्द का इस्तेमाल दूसरों को अभिनंदन और सम्मान देने के लिए किया जाता है। यह आपमें सकारात्मक उर्जा का संचार करता है।
जाने क्या होता है औरा और किस तरह ये आपको प्रभावित करता है
औरा एक मैग्नेटिक एनर्जी फील्ड होता है जिसमें आपके चारों तरफ कई सतह घूमती रहती है। जिसकी वजह से आप अध्यात्म के करीब चले जाते हैं।
अध्यात्मिक परिवर्तन की प्रक्रिया में आते हैं ये बदलाव
अध्यात्मिक परिवर्तन की प्रक्रिया में आदमी धीरे-धीरे सांसारिक सुखों से दूर होने लगता है। ऐसे में वो अकेला रहना पसंद करता है तथा प्रकृति के करीब रहना चाहता है।