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हर व्यक्ति की अलग-अलग आदतें होती हैं और यह एक खास स्थिति में निरंतर एक जैसी चीज करने से बनती है। मसलन अगर आपको टेंशन में धुम्रपान की आदत है, तो हर बार टेंशन में आने पर धुम्रपान ही करेंगे। उल्टे हाथ का ज्यादा प्रयोग या उल्टे हाथ से लिखना भी एक सामान्य आदत है, जो बचपन से वैसा करने की वजह से बन जाती है। लेकिन लोगों के बीच उल्टे हाथ से काम करना या लिखना एक विलक्षण बात मानी जाती है, जिसके बारे में विभिन्न मिथक प्रचलित हैं। आइए उल्टे हाथ से काम करने वालों के बारे में कुछ प्रचलित मिथकों के बारे में जानते हैं। [ये भी पढ़ें: कैसे उन लोगों को माफ करें जिन्होंने आपको दुख दिया हो]
1.उल्टे हाथ से काम करने वाले लोग रचनात्मक होते हैं: यह बात बिल्कुल सच नहीं है कि उल्टे हाथ से काम करने वाले लोग ज्यादा रचनात्मक होते हैं। हालांकि उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों की सोचने की क्षमता थोड़ी अलग होती है, जिसे रचनात्मकता मान लिया जाता है। रचनात्मक सोचने का काम हमारे दिमाग के दायें हिस्से का होता है और उसका उत्पादन करना बायें हिस्से का काम होता है और दोनों ही हाथों से काम करने वाले लोगों में यह प्रक्रिया एक जैसी रहती है।
2.जुड़वां लोग एक जैसे हाथ से काम करते हैं: यहां तक कि बिल्कुल एक जैसा दिखने वाले लोगों को भी अलग-अलग तरह के हाथों से काम करते हुए देखा गया है। एक स्टडी के अनुसार 23 प्रतिशत जुड़वां एक ही तरफ के हाथ से काम नहीं करते हैं। [ये भी पढ़ें: इन आदतों के कारण आप बोरिंग व्यक्ति बनते हैं और लोग आपसे दूर हो जाते हैं]
3.जीन आपके काम करने के हाथ का चयन करता है: एक स्टडी के अनुसार सिर्फ आपके जीन ही यह चयन नहीं करते कि आप किस तरफ के हाथ से काम करेंगे, वह बस एक छोटी सी भूमिका निभाते हैं। दरअसल, आपके दिमाग की अनुवांशिक गतिविधि यह निर्धारित करती है कि आप उल्टे हाथ से काम करेंगे या सीधे हाथ से काम करेंगे।
4.उल्टे हाथ से काम करने की आदत को नहीं बदल सकते: उल्टे हाथ से काम करना सिर्फ एक सामान्य आदत है, जिसे बाकि आदतों की तरह बदला जा सकता है। इसलिए आप थोड़ी सी मेहनत करके अपनी इस आदत को बदल सकते हैं। वैसे यह एक सामान्य आदत है, इसलिए इसे बदलना जरुरी नहीं है। [ये भी पढ़ें: इन आसान तरीकों से अहंकार को दूर कर खुश रहें]