
photo credit- medscape.com
मूत्राशय में होने वाले इन्फेक्शन को सामान्य तौर पर मूत्रमार्ग में होने वाले इन्फेक्शन के नाम से भी जाना जाता है। यह मूत्राशय में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की मात्रा ज्यादा होने से होता है। यह यौन संचारित रोगों में एक है। इसके जीवाणु जननांग के आस-पास के भाग में ज्यादातर पाए जाते हैं, जब भी कोई व्यक्ति इस यौन सम्बन्ध स्थापित करता है उस समय यह जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। भारत में सालाना 10 लाख लोगों में इस तरह का इन्फेक्शन पाया जाता है। यह इन्फेक्शन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है। बच्चे भी इस बीमारी के शिकार होते हैं। आइए जानते हैं कि मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और उसके उपायों के बारें में। [ये भी पढ़ें: यौन संचारित रोगों के ये मिथक करते हैं आपको गुमराह]
मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले इन्फेक्शन के कारण:
- मूत्राशय का काम होता है शरीर के विशिष्ट द्रव्य को एकत्रित कर उसे मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकाल देना। जब एक निश्चित समय के बाद मूत्राशय में मूत्र एकत्रित हो जाता है तो व्यक्ति को इस समय इसे त्यागने की इच्छा होती है, कई बार हम इसे नजरअंदाज कर देते है जिसके बाद यह वहीं एकत्रित होने लगता है। यही कारण हैं कि इसमें बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है जो इसके फैलने का कारण हैं।
- छोटे बच्चों में इस समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है बिस्तर पर पेशाब करना। जिसकी वजह से पेशाब को सही बहाव नहीं मिल पाता है और भीतर इसके जीवाणु इसका इन्फेक्शन फैलाने लगते हैं।
- इस तरह के इन्फेक्शन को फ़ैलाने वाले बैक्टीरिया जननांग के आस-पास के भाग में होते हैं जिसे इशरीकिया कोली के नाम से जाना जाता है। जिसके कि जब कोई व्यक्ति यौन सम्बन्ध बनाता है तो उस समय यह बैक्टीरिया मूत्राशय में प्रवेश कर जाता है और इससे इन्फेक्शन फैलने लगता है। इससे यह बीमारी 90% तक फैलती है।
- इस इन्फेक्शन के किडनी तक पहुंच जाने यह किडनी इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है।
मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले इन्फेक्शन के लक्षण:
- बुखार और कभी पसीना आना या ठंड लगना।
- आमतौर पेशाब कम मात्रा में होना।
- पेशाब का अनियंत्रित रिसाव।
- पेशाब करते समय दर्द और जलन।
- पेशाब के शरीर में ऐंठन।
- पेशाब में बहुत ज्यादा बदबू आना।
- पेशाब में खून आना या गहरे रंग का पेशाब होना।
- यौन सम्बन्ध के समय दर्द होना।
- रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर दर्द। [ये भी पढ़ें: जानिए पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज(श्रोणी में सूजन की बीमारी) के बारे में]
मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले इन्फेक्शन के परिणाम:
साधारण तौर पर जब यह होता है तो शरीर में थकान होने लगती है। इसके साथ ही यह आपके किडनी पर सबसे ज्यादा असर डालता है, कमर में तेज दर्द और तेज बुखार भी होने की संभावना होती है। अगर आपको एक साल में तीन से ज्यादा बार यह दिक्कत होती है तो इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से जरुर सलाह करें।
मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले इन्फेक्शन के उपचार:
अगर आपको इस इन्फेक्शन के लक्षण नजर आते है तो इसके लिए आपको सबसे जांच के द्वारा इसकी पुष्टि करना जरुरी है। जब इस बात की पुष्टि हो जाए तो डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक का सेवन करें और साथ ही साथ ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ और पानी पिये। ये शरीर से इस इन्फेक्शन के बैक्टीरिया को बाहर करने में मदद करेगा। [ये भी पढ़ें: जाने क्यों जरुरी है यौन संचारित रोगों की जांच करवाना]