
असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाने से यौन संचारित रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ यौन संचारित रोगों के लक्षण नहीं होते हैं लेकिन अगर आपको यौन संचारित रोग होने की संभावना लग रही है तो आपको तुरंत इसका टेस्ट करवा लेना चाहिए। यौन संचारित रोग में कुछ के लक्षण होते हैं जैसे जलन, खुजली और छोटे-छोटे घाव हो जाते हैं। इन लक्षणों को देखकर तुरंत ही यौन संचारित रोगों का टेस्ट करवा लेना चाहिए। बहुत से लोग डॉक्टर से इस बारे में बात करने से कतराते हैं। लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके जीवन को खतरा हो सकता है। तो आइए आपको इन टेस्ट के बारे में बताते हैं। [ये भी पढ़ें: जानें यौन संचारित रोग ट्रिकोमोनियासिस कैसे फैलता है]
यौन संचारित रोग के लिए टेस्ट: हर तरह के यौन संचारित रोगों के लिए अलग-अलग टेस्ट होते हैं। आपके लक्षणों के अनुसार आपको टेस्ट करवाने के लिए कहा जाता है। यौन संचारित रोगों के टेस्ट आपकी निजी मेडिकल हिस्ट्री पर भी निर्भर करते हैं। हिस्ट्री और लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपको कुछ चीजों का टेस्ट करवाने को कहते हैं। इन चीजों में ब्लड सेंपल, यूरिन सेंपल, मुंह से थूक का सेंपल, जननांगो से सेंपल, किसी घाव के डिसचार्ज का सेंपल।
इसके अलावा भी एसटीडी के टेस्ट होते हैं। इनके साथ आपको अपने गले और कमर की जांच भी करा लेना चाहिए। गले और कमर की जांच किए बिना यौन संचारित रोगों के टेस्ट अधूरे होते हैं। [ये भी पढ़ें: खतरनाक है स्पर्म एलर्जी, जानें इसके कारण और इलाज]
अतिरिक्त स्क्रीनिंग की आवश्यकता क्यों होती है: यौन संचारित रोगों की अतिरिक्त स्क्रीनिंग की आवश्यकता इसलिए ज्यादा होती है क्योंकि गोनोरिया और क्लैमाइडिया बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती है। जब इनका इलाज नही किया जाता है तो इनफर्टिलिटी की समस्या हो जाती है। जननांग के अलावा शरीर के किसी और हिस्से पर यौन संचारित रोगों के लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। यह लक्षण अपने आप नहीं जाते हैं और यौन संपर्क बनाने में शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। यही कारण है कि इनका सही तरीके से इलाज और टेस्ट करवाना जरुरी होता है। गोनोरिया और क्लैमाइडिया घातक नहीं हैं, लेकिन बैक्टीरिया संक्रमण से स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। [ये भी पढ़ें: जानिए पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज(श्रोणी में सूजन की बीमारी) के बारे में]