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श्रोणि में होने वाले सूजन की बीमारी को संक्षिप्त रूप में पी.आई.डी (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज) कहते हैं। यह बीमारी महिलाओं के जननांग में होने वाला एक इन्फेक्शन है। यह यौन संचारित रोगों के अंतर्गत आने वाली बीमारियों में एक सबसे खतरनाक बीमारी है। कभी-कभी यह गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब के साथ जननांगों के अन्य भागों में अपरिवर्तनीय क्षति का कारण बन जाता है। दक्षिण भारत, मुंबई और कलकत्ता के इलाकों में किये गये एक सर्वे के अनुसार क्रमशः 5.2%, 16.5% और 17.2% महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। इस तरह की बीमारी होने के पीछे बहुत से कारण होते है जिसके बारें में हम विस्तार से जानने की कोशिश करते है। [ये भी पढ़ें: यौन संचारित रोगों से जुड़े जानने योग्य बातें]
पेल्विक में सूजन की बीमारी का कारण: सामान्य तौर पर गर्भाशय ग्रीवा बैक्टीरिया को योनि में प्रवेश करने से रोकता है लेकिन गर्भाशय ग्रीवा में गोनोरिया और क्लेमाइडिया जैसी यौन संचारित रोग होने के कारण यह आन्तरिक प्रजनन अंगों को संक्रमित होने से नहीं रोक पाता है। यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है जो कि योनि के माध्यम से प्रजनन अंग में फैलता है। इसका एक कारण है गोनोरिया और क्लेमाइडिया का सही से इलाज न करवाने पर इसके होने की 90% संभावना होती है। इसके साथ गर्भपात करवाना, एक से ज्यादा व्यक्ति के साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित करना, बिना कंडोम के सेक्स करने से, 25 वर्ष या उससे कम उम्र में सेक्स करने से भी यह बीमारी होने की आशंका होती है।
श्रोणि(पेल्विक) में सूजन की बीमारी के लक्षण:
- हल्का पेट दर्द या पेट के निचले हिस्से या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना।
- योनि में असामान्य पीले या हरे रंग स्राव होना और असामान्य गंध आना है।
- पेशाब के समय दर्द और जलन होना।
- ठंड लगना या तेज बुखार होना।
- मिचली और उल्टी आना।
- सेक्स के दौरान दर्द होना।
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कारण जिनकी वजह से श्रोणि(पेल्विक) में सूजन का खतरा बढ़ने लगता है:
- जिन महिलाओं को पहले से गोनोरिया और क्लेमाइडिया जैसे यौन संचारित रोग हो उनमें श्रोणि (पेल्विक) में सूजन की बीमारी से खतरा और बढ़ जाता है।
- जिन महिलाओं को पहले भी कभी यह बीमारी हुई हो उनको इसके दोबारा होने की संभावना होती है।
- एक से अधिक व्यक्ति से साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने पर भी यह गंभीर और ज्यादा खतरनाक हो जाता है।
श्रोणि(पेल्विक) में सूजन की बीमारी का इलाज
एंटीबायोटिक:
आज इस बीमारी से लड़ने के लिए काफी मात्रा में एंटीबायोटिक बाजार में उपलब्ध है। काफी मात्रा में ओरल एंटीबायोटिक दवाइयां भी आती हैं लेकिन वह उतनी कारगर नहीं है। एंटीबायोटिक का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
सर्जरी: जब श्रोणि(पेल्विक) में सूजन का कारण किसी प्रकार का घाव हो तब यहां किसी भी प्रकार के एंटीबायोटिक से दूर नहीं हो पाता है। इसके लिए फिर मरीज को सर्जरी करवानी पड़ती है ताकि यह और ज्यादा गंभीर रूप न ले।
- एक से अधिक व्यक्ति के साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित न करें।
- गर्भनिरोधक कंडोम, डायाफ्राम, स्प्रिमीसाइड जैसे तरीकों का प्रयोग करें। इनका प्रयोग गर्भनिरोधक दवाइयों के सेवन के साथ भी किया जा सकता है।
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