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दिल टूटने के बाद अक्सर लोग बहुत परेशान रहने लगते हैं और हमेशा दुखी रहने लगते हैं। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। जब किसी का दिल टूटता है तो वो अपने दुश्मनों के साथ भी ऐसा होने के बारे में नहीं मनाते हैं। ब्रेकअपन या दिल टूटना लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप दोनों तरह से प्रभावित करता है। दिल टूटने के कई कारण होते हैं जैसे- भरोसा टूटना, शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचना या फिर दुख पहुंचाने वाले शब्दों का इस्तेमाल करना। मानव शरीर बहुत ही इमोशनल और संवेदनशील होता है। जिन लोगों का दिल टूटता उन्हें उस परेशानी से बाहर आने में काफी वक्त लग जाता है। तो आइए जानते हैं दिल टूटने के बाद आपके शरीर में क्या बदलाव आते हैं। [ये भी पढ़ें: संकेत बताते हैं कि आपकी गर्लफ्रेंड अपना दुख दूर करने के लिए इस रिश्ते में है]
दर्द:
तनाव के कारण शरीर में दर्द होता है। इसके कारण पेट दर्द और सिर दर्द की समस्या होने लगती है। ये आपके पेट में गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन में बदलाव लाता है जिसके कारण पेट दर्द होने लगता है। ये अल्सर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। सिर दर्द के कारण तनाव बढ़ने लगता है।
वजन घटना या बढ़ना:
जब भी किसी का दिल टूटता है या फिर ब्रेकअप होता है तो लोगों को या तो अधिक भूख लगने लगती है या कम लगने लगती है। आप किस तरह के इंसान हैं ये पूरी तरह से उसपर निर्भर करता है। कुछ लोगों को बिल्कुल भूख नहीं लगती है जिसकी वजह से उनका वजन कम होने लगता है तो वहीं कुछ लोगों को अधिक भूख लगने लगती है जिसकी वजह से उनका वजन बढ़ने लगता है। [ये भी पढ़ें: सवाल जिससे आपकी गर्लफ्रेंड चिड़चिड़ी हो जाती है]
डिप्रेशन की समस्या:
दिल टूटने के बाद लोग दुखी और उदास रहने लगते हैं। कई बार ये उदासी डिप्रेशन के रूप में बदल जाती है। डिप्रेशन के कारण लोग कई तरह से नुकसान पहुंचाने लगते हैं। तो ऐसे में इस तरह के लोगों को हमेशा सबके साथ होना चाहिए क्योंकि अकेलापन उनके परेशानी को बढ़ा सकता है।
नींद ना आने की समस्या:
दिल टूटने या ब्रेकअप के बाद लोगों में नींद ना आने की समस्या आम हो जाती है। शरीर में डोपामाइन नामक एक केमिकल होता है जो आपको सोने में मदद करता है। जब आपका दिल टूटता है तो आपका दिमाग आपके शरीर को अजीब संकेत देता है जिससे डोपामाइन के स्तर में बदलाव आता है। इस प्रकार ये नींद को प्रभावित करता है।
अनियमित पीरियड्स हो जाना:
तनाव शरीर को बहुत तरह से प्रभावित करता है और जब किसी का दिल टूटता है तो वो तनाव से गुजर रहा होता है। तनाव की वजह से कई बार अनियमित पीरियड्स की समस्या भी हो जाती है। आपका शरीर भावनात्मक रूप से प्रभावित होता है जिसके कारण शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होता है। [ये भी पढ़ें: दोनों पार्टनर का एक ही प्रोफेशन में होना रिलेशनशिप के लिए होता है फायदेमंद]