
गर्भधारण से बचने के लिए कुछ लोगों को तरीकों के बारे में पता नहीं होता है। गर्भधारण से बचने के गर्भनिरोधक के सही तरीकों के बारे में पता ना होने की वजह से लोग गलत धारणाओं को सच मानने लगते हैं। इस समस्या को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इन मिथकों के बारे में जान लें। खासकर लोगों तो इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स को लेकर मिथक होते हैं। असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाने के बाद गर्भधारण से बचने के लिए इनका सेवन किया जाता है। इनके नाम की तरह यह इमरजेंसी में काम करती हैं। हालांकि लोगों को इनके बारे में सही तरीके से ना पता होने की वजह से वह इनका सेवन लगातार करने लगते हैं जिसकी वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। तो आइए आपको इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन से जुड़े मिथकों के बारे में बताते हैं। [ये भी पढ़ें: कंडोम के बारे में मिथक जिन पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए]
मिथक-1 इनका सेवन कभी भी किया जा सकता है: अगर आप गर्भधारण करने की नहीं सोच रहे हैं तो यौन संबंध बनाने के 72 घंटे के अंदर इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स का सेवन कर लें। मगर बहुत से लोगों को यह लगता है कि इन पिल्स का सेवन कभी भी किया जा सकता है।
मिथक-2 इसका इस्तेमाल लगातार किया जा सकता है: नाम के अनुसार इन पिल्स का सेवन इमरजेंसी में किया जाता है। रोजाना यौन संबंध बनाने के लिए आपको किसी दूसरे सुरक्षित गर्भनिरोधक तरीके को अपनाना चाहिए। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स पर ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। [ये भी पढ़ें: कंडोम से जुड़ी आम गलतियां जो अक्सर आप करते हैं]
मिथक-3 यौन संचारित रोगों से रोकथाम करती हैं: शरीर को यौन संचारित रोगों से बचाने के लिए आपको कंडोम की जरुरत होती है। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स सिर्फ गर्भधारण करने से बचाती हैं। यह यौन संचारित रोगों से रोकथाम नहीं करती हैं। इसलिए कंडोम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
मिथक-4 इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स का इस्तेमाल का मतलब एबोर्शन होता है: बहुत से लोगों को लगता है कि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स का इस्तेमाल एबोर्शन के लिए किया जाता है। सच तो यह है कि यह पिल्स गर्भधारण होने से रोकती हैं ना कि पहले से हो चुके गर्भधारण को समाप्त करने के लिए। [ये भी पढ़ें: गर्भनिरोध गोलियों का इस्तेमाल करते वक्त किन खाद्य पदार्थों का सेवन करें]