
गर्भनिरोधक गोलियां गर्भधारण को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है पर कई बार गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है। ऐसा तभी होता है जब किसी कारणवश गर्भनिरोधक गोलियों का असर कम हो जाता है। ऐसे कई कारण है जिनकी वजह से गर्भनिरोधक गोलियों की कार्यक्षमता पर नकरात्मक असर पड़ता है। दवाइयों के रख रखाव से लेकर गर्भनिरोधन के समय सेवन की जाने वाली खाद्य सामग्री भी गर्भनिरोधक गोलियों के असर को प्रभावित करती है। आइए जानते हैं उन कारकों के बारे में जो गर्भनिरोधक गोलियों के असर को कम करते हैं। [ये भी पढ़ें: जानिये गर्भनिरोधन से कैसे जुड़ा है लैक्टेशनल अमेनोरिया मेथड]
1.एंटीबायोटिक्स:
कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि एंटीबायोटिक्स गर्भनिरोधक गोलियों के असर को कम करते हैं। कई महिलाओं ने ये माना है कि एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से उनके द्वारा ली गयी गर्भनिरोधक गोलियों का असर कम हो गया था। हालांकि इस बात को साबित करने के लिए कोई ठोस शोध नहीं हुआ है लेकिन एक शोध में यह पाया गया कि एक ख़ास तरह का एंटीबायोटिक रिफामपीन जिसका इस्तेमाल ट्यूबरकुलोसिस के लिए किया जाता है गर्भनिरोधक गोलियों के असर को कम करता है। गर्भनिरोधक गोलियों में एस्ट्रोजेन नामक तत्व पाए जाते हैं जिसे कुछ एंटीबायोटिक्स ब्रेक डाउन(टूटने) से रोकते हैं जिसका परिणाम प्रेग्नेंसी के रूप मिलता है।
2.दवाइयां:
कुछ दवाओं में ऐसे तत्व पाए जाते है जो गर्भनिरोधक गोलियों के असर को कम करते हैं। इन दवाओं में कुछ एंटीडिप्रेसेंट दवाएं, डायबिटीज की दवाएं, एचआईवी संक्रमण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं। कुछ प्राकृतिक सप्लीमेंट्स में भी ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिनमे गर्भनिरोधक गोलियों के असर को कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं। गर्भनिरोधन की अवधि में किसी और दवा के सेवन से पहले एक बार परामर्श जरुर लेना चाहिए।
3. ग्रेपफ्रूट और ग्रेपफ्रूट जूस:
गर्भनिरोधन की अवधि के दौरान ग्रेपफ्रूट या ग्रेपफ्रूट जूस का सेवन भी गर्भनिरोधक दवाओं के असर को कम करता है। हालांकि इस विषय में विशेषज्ञों का कहना है कि सारी दवाएं ग्रेपफ्रूट के सेवन से प्रभावित नहीं होती पर ऐसी बहुत सी गर्भनिरोधक गोलियां है जो प्रभावित हो सकती हैं। गर्भनिरोधन के समय ग्रेपफ्रूट के सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरुर लें।
4. समय:
गर्भनिरोधक गोलियां सही ढंग से काम करें उसके लिए ये बहुत जरुरी है कि वो हर दिन एक ही समय पर ली जाएं। रोजाना अलग-अलग समय पर इन गोलियों को लेने से इनका असर कम होता है। अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां ले रहें है तो एक समय बना लें और रोजाना इसी समय गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करें। अगर आपको भूलने की आदत है तो एक तय समय पर अलार्म या रिमाइंडर सेट कर लें।
5. डायरिया और उल्टी:
डायरिया और उल्टी की समस्या शरीर को गर्भनिरोधक गोलियों के तत्व को अवशोषित करने से रोकती हैं जिस वजह से गर्भनिरोधक गोलियों का असर कम हो जाता है। डायरिया और उल्टी की समस्या में गर्भनिरोधन के लिए सिर्फ गर्भनिरोधक गोलियों पर ही आश्रित न रहें। किसी और विकल्प का इस्तेमाल करें। [ये भी पढ़ें: डायाफ्राम के इस्तेमाल से पहले जान लें कुछ जरुरी बातें]
6. स्टोरेज(भण्डारण):
गर्भनिरोधक गोलियां कितनी असरदार हैं ये इस बार पर भी निर्भर करता है कि उन्हें रखा कैसे जाता है। अत्यधिक गर्मी या ठण्ड गर्भनिरोधक गोलियों के असर को कम कर सकती है। हमेशा गर्भनिरोधक गोलियों को सूरज की रोशनी से दूर किसी अंधेरे और ठन्डी जगह पर रखें।