
कूर्मासन जिसे टॉरटोइज पोज के नाम से भी जाना जाता है एक योगासन है। इस आसन को करने के दौरान व्यक्ति का शरीर कछुए(कूर्म) की तरह हो जाता है इसलिए इस योगासन को कूर्मासन के नाम से जाना जाता है। कूर्मासन योगासन कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाता है। इस आसन को करने से पेट की समस्या, सांस की समस्या के साथ कई तरह की समस्या दूर होती है। कूर्मासन पहली बार इस योगासन को करने वाले लोगों को ये योगासन किसी योग प्रशिक्षक के नेतृत्व में ही करना चाहिए। [ये भी पढ़ें: रोज अच्छा महसूस करना चाहते हैं तो ये योगासन आएंगे काम]
कूर्मासन करने से पहले जाने ये बातें : कूर्मासन जब भी करने सुबह-सुबह खाली पेट ही करें। इस आसन को ब्रह्म मुहुर्त में करने से ज्यादा फायदा मिलता है। हालांकि बहुत सारे लोगों के लिए सुबह-सुबह उठना मुमकिन नहीं होता है। ऐसे लोग इस योगासन को शाम के वक़्त भी कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रहे की ये योग आसन खाना खाने के 4-6 घंटे के बाद किया जाए।
कैसे करें कूर्मआसन:
1. सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैर फैला लें। अपनी पीठ सीधी रखें। अपने दोनों बांह अपने नितम्बों पर रखें। अपने दोनों पैरों के बीच एक हाथ की दूरी बनायें और अपने जांघों से जमीन को दबाएं। छाती को ऊपर करें और गहरी सांसे लें।
2. अब शरीर को आगे की तरफ झुकाएं और अपने हाथों को अपने पैरों की नीचे से ले जाकर फैलाएं। अपनी ठोढ़ी को जमीन से स्पर्श कराएं।
3. ध्यान रहे की आपकी नजर सामने की तरफ हो। कुछ देर इस अवस्था में रहें और सांस लेते हुए दोबारा इस प्रक्रिया को दोहराएं। [ये भी पढ़ें: जानें क्या है अनुलोम विलोम प्राणायाम और इसके स्वास्थ्य लाभ]
कूर्मआसन के फायदें:
- ये योगासन करने से पाचन तंत्र और श्वशन तंत्र सही तरीके से काम करते हैं।
- इस योगासन से गर्दन, सिर और कंधे को आराम मिलता है।
- यह योगासन दिमाग में रक्त संचार को बढ़ाकर स्मरण शक्ति को मजबूत बनाता है।
- अस्थमा और कब्ज की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए ये आसन फायदेमंद होता है।
- यह योगासन तंत्रिकाओं(नर्व) के लिए भी फायदेमंद होता है।
- यह आसन अच्छे ढंग से सांस लेने में मदद करता है और शरीर को लचीला बनाता है।
कूर्मासन करने के दौरान बरते ये सावधानियां:
- कुर्मासन करने के दौरान अगर आपके घुटनों में दर्द हो तो अपने हाथ को आगे की तरफ ले आयें ऐसा करने से दर्द कम होगा।
- ये आसन करते समय अपने शारीरिक क्षमता का भी ध्यान रखें।
- गर्भवती महिलाओं तथा मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं को ये आसन नहीं करना चाहिए।
- अगर पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त है तो ये आसन ना करें।
- अगर कंधे, नितम्ब या हाथों में चोट लगी हो तो ये आसन ना करें।
- क्रोनिक अर्थराइटिस के मरीजों को ये व्यायाम नहीं करना चाहिए। [ये भी पढ़ें: कब्ज में राहत दिलाने के लिए लाभकारी हैं ये योगासन]