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अर्धपिंच मयूरासन देखने में इनवर्टिड वी जैसा लगता है। जिसमें फोरआर्म और पंजा फर्श पर होता है और बाकि का शरीर वी की शेप में उठा हुआ होता है। इस आसन को डोलफिन पोज भी कहते हैं। यह पोज अधोमुख सर्वासन की मुद्रा जैसा होता है। जिसमें हथेलियों की बजाय फोरआर्म फर्श पर रखी जाती है। इस योगासन को करने के कई फायदे होते हैं। यह मन के साथ दिमाग को भी शांत करने में मदद करता है। साथ ही कंधे भी अच्छी तरह स्ट्रैच हो जाते हैं। तो आइए आपको अर्धपिंच मयूरासन करने की विधि और उससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताते हैं। [ये भी पढ़ें: सुदर्शन क्रिया करने की विधि और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ]
अर्धपिंच मयूरासन(डोलफिन पोज) करने की विधि:
- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं। उसके बाद फोरआर्म को फर्श पर रखें। इसे करते समय ध्यान रखें कि आपके कंधे और कोहनी एक ही लाइन में होने चाहिए।
- उसके बाद अपनी कमर,कूल्हे और घुटनों को ऊपर की तरफ उठाएं। इस समय आपके पैर की अंगुलियां और पैर बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
- अब गर्दन को आराम देते हुए कंधों को कान से दूर ऊपर की तरफ लेकर जाएं। उसके बाद अपने हाथों की तरफ चलें।
- इसे करते समय गहरी सांस लें और कुछ समय के लिए इसी मुद्रा में रहें। [ये भी पढ़ें: हिप्स को सही शेप में लाने के लिए ये दो योगासन हैं लाभदायक]
अर्धपिंच मयूरासन करने के फायदे:
- यह योगासन दिमाग को शांत करने और तनाव या डिप्रेशन से राहत दिलाने में मदद करता है।
- पैरों के निचले हिस्से, हैमस्ट्रिंग और कंधों को अच्छी तरह स्ट्रेच करता है।
- हाथों और पैरों को मजबूती प्रदान करता है।
- हड्डियों को मजबूत करके ऑस्टियोपोरोसिस से रोकथाम करता है।
- पाचन करने वाले अंगों को उत्तेजित करके पाचन में सुधार करता है।
- थकान, कमर दर्द, सिरदर्द और नींद की समस्या से राहत पहुंचाता है।
अर्धपिंच मयूरासन करते समय बरते ये सावधानियां:
- अगर आपको कंधे या गर्दन में चोट लगी है तो इस योगासन को करने से बचना चाहिए।
- अर्धपिंच मयूरासन करते समय आपके घुटने हल्के से मुड़े होने चाहिए। [ये भी पढ़ें: बेहतर रनिंग के लिए करें ये योग]